**फैला दो क्रांति अब मत रखो शांति ***
ये वही जनाब हैं जो आम आदमी के लिए 28 रुपये प्रतिदिन में ज़िंदगी गुजारने
की बात करते हैं। इनके द्वारा पैसे जों उडाये गये है वो आपके और मेरे ही
तो है मतलब इस देश का पैसा ही तो है जों हम टेक्स देते है वो ही तो है अब
सोचना की आपके पैसे खाने वाले और गरीबों का मजाक बनाने वाले का क्या किया
जाए ?
एक सांसद द्वारा संसद में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में पता चला है कि हमा
रे
देश के योजना आयोग के उपाध्यक्ष 'मोंटेक सिंह अहलूवालिया' साल के 365
दिनों में 220 दिन विदेश यात्रा पर थे जहाँ उनके होटल का खर्चा 10 लाख से
15 लाख प्रति रात था।
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''लिखना हे खून -ए-जिगर से इन्कलाब के नारे
देखना हे ये शोक ,कौन सिरफिरा पाले''
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